ई ससुरा समाज भय्या !!


का बताई तोहके ई ससुरा समाज भय्या !!
ना बाप बड़ा न भय्या ,सबसे बड़ी पंचातिया !!
आएगा लल्ला वो दौर ,फिर लगेगा ज़जिया !!
अचरज होगा जान सुल्ताना थी कभी रज़िया!!
भला बाम्हन हो, छत्री या भोला कोई बनिया!!
न भाती किसी को कोख से निकली बिटिया !!     

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